फ़ातिमा अल फ़िहरी
--ये नाम शायद आपने नहीं सुना होगा लेकिन ये नाम उतनी ही एहमियत रखता है जितना कि गाँधी/लूथर/जूनियर/मंडेला/एडिसन या टेस्ला या फिर न्यूटन का नाम.
--ये नाम शायद आपने नहीं सुना होगा लेकिन ये नाम उतनी ही एहमियत रखता है जितना कि गाँधी/लूथर/जूनियर/मंडेला/एडिसन या टेस्ला या फिर न्यूटन का नाम.
___लेडी ऑफ़ फ़ेज़” के नाम से मशहूर फ़ातिमा वो पहली इंसान हैं जिन्होनें इस दुनिया को यूनिवर्सिटी दी. मोरक्को के शहर फ़ेज़ में क़ायम की गयी ये यूनिवर्सिटी दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी है.
___इस्लामिक गोल्डन ऐज” के दौरान बनी ये यूनिवर्सिटी आज भी शुमाली अफ़्रीका की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है.
___ फ़ातिमा की पैदाइश तक़रीबन सन 800 में तुनिशिया में हुई. उनके वालिद का नाम मोहम्मद था.
__कुछ सालों के बाद वो फ़ेज़ चले आये, उस वक़्त फ़ेज़ काफ़ी मशहूर शहर माना जाता था.
__कुछ सालों के बाद वो फ़ेज़ चले आये, उस वक़्त फ़ेज़ काफ़ी मशहूर शहर माना जाता था.
__फ़ातिमा के ख़ानदान में पैसे की कोई कमी नहीं थी तो इस वजह से उन्होंने सोचा क्यूँ ना इसे किसी नेक काम में ख़र्च किया जाए.
__ फ़ातिमा की बहन ने फ़ैसला किया कि वो एक मस्जिद बनवाएंगी जिसे बाद में अन्दलुस मस्जिद के नाम से जाना गया जबकि फ़ातिमा ने तालीम के लिए काम करने की सोची और सन 859 में उन्होंने “अल-क़रवीं यूनिवर्सिटी” (University of Al Qarawiyyin) बनवाने का फ़ैसला किया.
___यह भी कहा जाता है -- ये University उन्होंने अपने वालिद के इसाले-सवाब(Conveying Rewards to the Deceased) के लिए बनवाया था,
__ शुरुवात से ही इसमें मुसलमान और ग़ैर--मुसलमान तालीम हासिल करते रहे हैं |
__ केमिस्ट्री, मेडिसिन, मैथमेटिक्स, जियोलॉजी जैसे अलग-अलग मौजूं सिखाने वाली ये यूनिवर्सिटी आज भी अच्छी तालीम के लिए जानी जाती है.
__ केमिस्ट्री, मेडिसिन, मैथमेटिक्स, जियोलॉजी जैसे अलग-अलग मौजूं सिखाने वाली ये यूनिवर्सिटी आज भी अच्छी तालीम के लिए जानी जाती है.
__ अमीर होने के बावजूद फ़ातिमा ने शान-ओ-शौक़त की ज़िन्दगी नहीं बिताई बल्कि लोगों के लिए, तालीम के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया.
सन 880 में उनका इंतिक़ाल हो गया लेकिन उनकी क़ायम की गयी यूनिवर्सिटी आज भी लोगों को तालीम का रास्ता दिखा रही है.
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