ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त आयोग की राशि से संचालित होने वाली सभी योजनाओं में खर्च की राशि का ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी अनुग्रह सिंह ने बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन भुगतान के लिए संबंधित पदाधिकारियों और त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर लिया जा रहा है। यह व्यवस्था जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत तीनों में लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से सरकारी फंड का उपयोग भारत सरकार के नियंत्रण में रहेगा। सरकार जरूरत के हिसाब राशि का उपयोग दूसरे स्थानों पर भी कर सकेगी।
नई व्यवस्था के तहत अब पंचायत के खाते में राशि नहीं रहेगी। योजना की राशि सेंट्रलाइज सरकार के पास होगी। पंचायत को उसके हिस्से की राशि की जानकारी रहेगी। वह जितनी जरूरत होगी उतना ही राशि ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। इससे शेष राशि सुरक्षित रहेगी। ताकि जरूरत पर सरकार दूसरे स्थानों पर भी खर्च कर पाएंगी। राशि किसी पंचायत में ब्लॉक नहीं होगी।
पंचायत में चल रही योजनाओं की राशि का भुगतान ऑनलाइन करने का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों की मिलीभगत से योजनाओं की राशि का बंदरबांट भी होती है। भुगतान उठा लेने के बाद भी कार्य को पूरा नहीं किया जाता है। इससे सरकार की राशि फंस जाती है। ऑन लाइन व्यवस्था से राशि की बंदरबांट पर रोक लगेगी। योजनाओ का कार्य ससमय पूरा किया जा सकेगा।
पंचायत में चल रही सभी योजनाओं का भुगतान पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। इसमें पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर रजिस्टर्ड होगा। पीएफएमएसएस सभी पंचायतों का खाता चालू किया जाएगा। जन प्रतिनिधि का एक पासवर्ड भी होगा। इसे डालने के बाद ही राशि का भुगतान हो सकता है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से नया नियम लागू हो जाएगा। इसे लेकर पंचायती राज विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। अब कोई भी पंचायत प्रतिनिधि चेक अथवा कैश लेन-देन नहीं कर सकेंगे।-अनुग्रह सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी
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